Thursday, April 12, 2007

यह मेरी पहली हिंदी post का शीर्षक hai

गूगल सही मई परमात्मा हैं यारों। इं के द्वारा एक नयी सुविधा शुरू करी गयी हैं, जिसमे कि आपको हिंदी लिखने के लिए कोई चरक्टेर मैपिंग कि जरोरत नहीं हैं, बल्कि बस हिंदी के वर्ड अपने अनुसार इंग्लिश मैं लिखिए। उद्धरण के लिए मन लो कि आपको हिंदी मैं लिखना हैं "गूगल परमात्मा हैं", तू आक्को बस यह बटन दबाने होंगे - 'g'->o->o->g->l->e->->p->a->r->m->a->t->a->m->a->h->a->i - और बस आपका काम हो गया। यह सही मैं एक क्रन्तिकारी काम हैं और मुझे विश्वास हैं कि किसी भार्तिये इंजीनियर का ही आईडिया होगा। और हाँ एक और बात, क्यूंकि हर आदमी का इंग्लिश मैं हिंदी लिखने का तरीका अलग होता हैं इसलिये इसमे एक लीर्निंग अल्गोरिथ्म भी है जो आपके लिखने के तरीके को सीखता रहता हैं और अपने आप को सुधरता रहता हैं। और एक और बात, यह सब काम रियल टिम हो रह हैं, जिसका मतलब हैं कि आक्पके द्वारा अंग्रेजी मैं लिखा हुआ कोई भी हिंदी शब्द उसी समय हिंदी मैं बदल दिया जात हैं।


गूगल सही मैं परमात्मा हैं. जय हो.

6 comments:

Anonymous said...

Nice, I'll check it out.

Baraha has been doing it from years and ibibo.com has implemented it six months ago. Yet a learning algorithm? Thats kinda cool!

Unknown said...

good goin buddy u r a real fan of Goooooooogle!!!!!!!!!!!!!!!!

naween said...

nahi, tumne learning algorithm ko learn karne ka mauka hi nahi diya. itni to galti ki hai is ek post mein. gurrr [:D]. sikhao, sikhao, google ko sikhao. mere ko bahut hindi likhni hai!!

shaunak said...

galti google ki algorithm mein hai ya tere english representation of hindi mein ?
kyunki google parmatma hai, it seems like the latter ;) :P

ePandit said...

हिन्दी ब्लॉगजगत में आपका स्वागत है। पहली हिन्दी पोस्ट लिखने हेतु बधाई। असल में हिन्दी टाइपिंग हेतु इससे भी सरल टूल उपलब्ध हैं जिनसे आप कंप्यूटर में कहीं भी हिन्दी लिख सकते हैं। इस बारे में पूरी जानकारी सर्वज्ञ विकी पर उपलब्ध है जिसका लिंक नीचे दिया है।

यदि आप हिन्दी में नियमित लिखना चाहें तो अपना ब्लॉग "नारद" पर रजिस्टर कराएं। नारद एक साइट है जिस पर सभी हिन्दी चिट्ठों की पोस्टें एक जगह देखी जा सकती हैं।

हिन्दी टाइपिंग और ब्लॉगिंग संबंधी संपूर्ण जानकारी सर्वज्ञ विकी पर उपलब्ध है। इस विषय में कोई भी प्रश्न परिचर्चा हिन्दी फोरम में पूछ सकते हैं।

किसी भी प्रकार की सहायता हेतु निसंकोच संपर्क करें, हम आपसे सिर्फ़ एक इमेल की दूरी पर है।

Sagar Chand Nahar said...

आपका हार्दिक स्वागत है, अंग्रेजी में तो बहुत लिखा आपने अब जरा हिन्दी में भी लिखा करें, पढ़ने के लिये मेरे अलावा नारद और हिन्दी ब्लॉग्स के कम से कम ५०० सदस्य तैयार है।
नारद और हिन्दी ब्लॉग्स का लिंक उपर श्रीश ने दिया ही है।